Category: वचनामृत – अन्य
प्रकृति
गाय का दूध निकालना – प्रकृति, दूध का फटना – विकृति, दूध से घी निकालना – संस्कृति । प्रकृति को विकृति से बचायें, संस्कृति की
दान/भोग/नाश
केला खाने के बाद छिलका गाय को, तो दानी । कचरे में, तो भोगी । सड़क पर, तो नाशी । कम से कम छिलके का
श्री राम
सबसे ज्यादा पूज्य राम को क्यों माना गया है ? क्षमाभाव की उत्कृष्टता की वजह से । कैकई से ही आर्शीवाद मांग रहे थे कि
क्षमा-दिवस
इस साईट के प्रणेता- गुरूवर मुनि श्री क्षमासागर जी महाराज का आज समाधिमरण हो गया । पूज्य मुनि श्री ने पिछले दो दिनों से आहार
भगवान
सबसे पहले भाषा अच्छी होनी चाहिए, फिर भावना (गिरे हुओं को झुककर उठाने की भावना), अंत में भाग्यवान, बस बन जाओ भगवान । मुनि श्री
ज्ञान
ज्ञान पाने के 4 चरण गुरु विनय स्वयं का अभ्यास/पुरूषार्थ पुण्य/समय आना मुनि श्री प्रमाणसागर जी
गलती
गलती होने पर निरीह बनकर, क्षमा मत मांगो, दंड़ (प्रायश्चित) मांगो । ताकि उधारी (कर्मों की) समाप्त हो जाये, हिसाब बराबर हो जाये । मुनि
आलोचना
आलोचना करना तो छूटेगा नहीं, दूसरे की करोगे तो पाप लगेगा, करना ही है तो अपनी करो ताकि पाप कटें । मुनि श्री कुंथुसागर जी
भगवान/गुरू से मांगना
किसान दाना बोते समय भूसे की इच्छा नहीं, दाने* की ही भावना भाता है ; भूसा** तो अपने आप मिल जाता है । भूसे की
संस्कार
अपने बच्चों को उत्तम कुल/लौकिक पढ़ाई/वैभव रूपी वाण तो दिये हैं पर संस्कार रूपी धनुष नहीं दिया। वे संसार का युद्ध कैसे जीत पायेंगे ?
Recent Comments