Category: वचनामृत – अन्य

तम्बाकू

सब चीजें खींचने से बढ़तीं है, बीड़ी, सिगरेट खींचने से घटती हैं, जीवन को घटाती हैं । गुटका उम्र को गुटक जाता है । मुनि

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बीमारी के कारण

कर्मफ़ल की अस्वीकृति आत्मग्लानी (प्रायश्चित के अभाव में) पर निन्दा / आत्मप्रशंसा भय क्षु.श्री ध्यान सा.जी

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कमजोर शब्द

1) चाहिये – इच्छा बढ़ेगी (“सकता” से योग्यता ) 2) पड़ेगा -मजबूरी 3) लेकिन – अच्छे को बुरे से जोड़्ता है 4) भूलना मत –

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अनुकम्पा

अन्य के दु:खों को देखकर कंपन होना । मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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मन

मन रूपी खेत में यदि अच्छे विचारों की फसल नहीं बोयी तो घास तो उगेगी ही । मुनि श्री वीर सागर जी

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गुरू

जहाँ नदी का पानी (भगवान की वाणी) नहीं पहुँच पाता, वहाँ गुरू रूपी नहर/पाइप से पानी पहुँचाया जाता है । मुनि श्री निर्वेगसागर जी

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दु:ख

अभाव दु:ख का कारण नहीं, अभाव की अनुभूति/एहसास कारण है । मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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संतोष

संतोष में पीड़ा की समाप्ति, असंतोष में पीड़ा की निरंतरता रहती है । मुनि श्री कुंथुसागर जी

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प्रसन्नता

प्रेशर कुकर की तरह, क्रोध का प्रेशर आये तो प्रसन्नता की सीटी बजाओ । मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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मंगल आशीष

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