कषाय
एक रेत का कण, खीर का आनंद समाप्त,
एक छोटी सी दुर्गंध पूरे वातावरण को दूषित,
नीम का बीज भी कड़ुवा होता है ।
कषाय तो कर्मबंध का ही कारण होता है ।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
एक रेत का कण, खीर का आनंद समाप्त,
एक छोटी सी दुर्गंध पूरे वातावरण को दूषित,
नीम का बीज भी कड़ुवा होता है ।
कषाय तो कर्मबंध का ही कारण होता है ।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
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कषाय तो कर्मबंध का कारण होता है। रेत के एक कण से खीर का आनन्द समाप्त हो जाता है। इसी प्रकार कषाय जीवन का कल्याण नहीं कर सकता है। अतः जीवन का कल्याण करना है तो कषाय करना छोडना चाहिए।