ध्यान
1. एक विषय में निरंतर ज्ञान का रहना ध्यान है।
2. मन को विषयों से हटाने का पुरुषार्थ ध्यान है।
3. ध्यान लगाने का नाम नहीं, मोड़ने का नाम है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
1. एक विषय में निरंतर ज्ञान का रहना ध्यान है।
2. मन को विषयों से हटाने का पुरुषार्थ ध्यान है।
3. ध्यान लगाने का नाम नहीं, मोड़ने का नाम है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
One Response
ध्यान का मतलब मन को एकाग्रता करना होता है! आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि ध्यान के लिए एक विषय ज्ञान का रहना है, इसके अलावा मन को विषयों से हटाने का पुरुषार्थ ध्यान है, इसके अलावा ध्यान लगाने का नाम नहीं, अपने को मोडने!