Day: February 12, 2010

विवेक

अंधे ने वैद्य से पूछा कि इस समूह में कितने साधू हैं और कितने असाधू ? वैद्य – आंख की दवा ले लो और खुद

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दूरांतर-भव्य

दूरांतर-भव्य अनादि-अनंत निगोद में ही रहते हैं । पं. रतनलाल बैनाडा जी ( मुख्तार जी के अनुसार भी )

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मंगल आशीष

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February 12, 2010