Month: April 2010
मान
सुंदरता अपनी आंखों से या दूसरे की आँखों से देखने की चीज है क्या ? कोई झूठी तारीफ़ भी कर दे तो हमारे मान की
Positive Thinking
When you reach for stars, you may not quite get them, but you won’t come up with a handful of mud either.
अवधिज्ञान
स्पर्श, रस, रूप और गंध का रस अवधिज्ञान से नहीं आता, इंद्रियों से ही आता है । इन्द्रिय ज्ञान Original है और अवधिज्ञान Carbon Copy
परिग्रह
10 बाह्य – क्षेत्र, वास्तु, धन, धान्य, द्विपद, चतुष्पद, यान, कुप्य (वस्त्र), भांड़ (बर्तन), शय्यासन । 14 अंतरंग – मिथ्यात्व, 4 कषाय, 9 अकषाय ।
अभक्ष्य
अभक्ष्य – 5 प्रकार के हैं । 1. त्रसघात – द्विदल, अमर्यादित भोजन 2. बहुघात – जैसे आलू आदि 3. अनिष्ट – सेहत के लिये
प्रमाद के 15 भेद
5 इन्द्रियों के विषयों में तल्लीनता, 4 विकथा – राज, चोर, स्त्री, भोजन 4 कषाय – क्रोध, मान, माया, लोभ, निद्रा, प्रणय । प्रमाद हिंसा
अतिथि संविभाग
आचार्य श्री एक बार किसी गरीब के घर आहार के लिये गये, रोटियों के बर्तन में 6 रोटियाँ थीं, उन्होंने 2 रोटी खाने के बाद
प्रमाद ( असावधानी )
शुभ कार्यों में निरूत्साह या संज्ज्वलन कषाय के तीव्र उदय से ।
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