Month: July 2010
कपाट-समुदघात
कपाट-समुदघात के समय शरीर की कापोत-लेश्या होती है । औदारिकमिश्र-काययोग में हमेशा कापोत-लेश्या होती है । कार्मण-काययोग में शुक्ल-लेश्या ही होती है ।
गुरूजन
एक चोर को सेठ ने रात को चोरी करते हुये देख लिया । अगले दिन एक दावत में सेठ पंगत में बैठा, पास में ही
संहनन
पांच इंद्रिय जीवों के सम्मूर्च्छन अपर्याप्त अवस्था में संहनन नहीं होता ।
वर्ताव/ सत्य/ ज्ञान
‘वर्ताव’ में बालक, ‘सत्य’ में युवा और ‘ज्ञान’ में वृद्ध बनो ।
समय
सोने का प्रत्येक कण मूल्यवान होता है, वैसे ही समय का प्रत्येक क्षण मूल्यवान होता है । इस बहुमूल्य समय को सोने में ना गवांये।
क्षायिक-ज्ञान
क्षायिक-सम्यग्दर्शन के साथ साथ क्षायिक ज्ञान भी होगा क्या ? ज्ञान, क्षायिक-सम्यग्दर्शन के साथ साथ, सम्यक रूप हो जाता है ।
अनिवृत्तिकरण
एक समय में नाना जीवों की अपेक्षा निवृत्ति या विभिन्नता जहां पर नहीं होती, वे परिणाम अनिवृत्तिकरण कहलाते हैं ।
धर्म
धर्म व्यक्तिगत साधना का है , पिछलग्गू बनने का नहीं । कब तक बच्चे बने अपनी माँ की ऊँगली पकड़कर चलते रहोगे!
कुलकर
12वें कुलकर तक जुगलिया पैदा हुये थे , 13 वें कुलकर ,प्रसन्नजित अकेले पैदा हुये थे , बाद में 14 वें कुलकर नाभिराय और मरूदेवी भी
Octopus
Octopus पंचेद्रिय संज्ञी जीव होता है । TV News है कि जर्मनी का एक Octopus football world cup matches में सही भविष्यवाणी कर रहा है
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