Month: March 2011

मिश्र गुणस्थान

मिश्र गुणस्थान में दो भाव नहीं, एक ही भाव होता है; क्योंकि छद्मस्थों के एक समय में एक ही उपयोग लगता है । एक उपयोग

Read More »

संगति

असली फूलों के गुलदस्ते में से यदि एक फूल निकालकर नकली फूलों के गुलदस्ते में लगा दें और एक नकली फूल निकालकर असली गुलदस्ते में,

Read More »

ईश्वर

In this world of…. E-mail E-paper E-transfer E-recharge E-commerce Never Forget…. E-SHWAR who makes… E-verthing E-asy for E-veryone E-veryday (Dr. Sudheer)

Read More »

गाली

गालियों के गणित में जोड़ कम, गुणनफल ज्यादा होते हैं । (तुम 3 गालियाँ दोगे, तो सामने वाला 6 नहीं 3×3=9 गालियाँ देगा) गाली देना

Read More »

व्यक्ति

जिसमें भगवान व्यक्त होने की संभावना हो वह व्यक्ति है । संत श्री दीपक भाई

Read More »

एकेन्द्रिय तथा विकलचतुष्क के सासादन

एकेन्द्रिय तथा विकलचतुष्क (2,3,4,5 असंज्ञी) में उत्पन्न जीव सासादन गुणस्थान में शरीर पर्याप्ति को पूर्ण नहीं कर सकता है, क्योंकि सासादन का काल कम है

Read More »

सोच

कमांडर – हम चारों तरफ़ से घिर गये हैं । हिटलर – ये तो बहुत अच्छा हुआ, अब हम किसी भी दिशा में गोली चला

Read More »

Positivity

Beautiful Photos are developed in dark, If you are in darkness, Believe that – God is making your future beautiful. (Mr. Dharmendra)

Read More »

सम्यग्दर्शन

अभिप्राय में कषायों का ना होना । (सम्यग्दृष्टि के कषाय तो दसवें गुणस्थान तक रहेगी पर अभिप्राय में नहीं होगी ।) बाई जी

Read More »

सकारात्मकता

यदि चाँद तारों की सुन्दरता का आनंद लेना चाहते हो, तो अंधकार को झेलना ही होगा । (श्रीमति शर्मा)

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

March 8, 2011