Month: December 2012
वर्तमान
December 4, 2012
वर्तमान मे जीना ही समझो “मन का स्थिर होना है” । आचार्य कहते हैं… सारी योजनायें छोड़ दो, मात्र वर्तमान का अनुभव करो । जो
Judgement
December 3, 2012
If you do not know, ask me. If you do not agree, argue with me. But do not start judging me silently. (Mr.Dharmendra)
नरकों में बिल
December 3, 2012
पहले नरक में 30 लाख से घटते हुये सातवें नरक में 5 बिल रह जाते हैं । कुल 84 लाख बिल होते हैं । श्री
प्रसिद्धि
December 2, 2012
अपनी प्रसिद्धि पाने के लिये, भूतकाल के लोगों का जीवन चारित्र पढ़ें, वर्तमान के लोगों के साथ सत्संग करें, आप भविष्य के प्रसिद्धि बन जायेंगे
सुख
December 1, 2012
ढ़ाई वर्षीय तनुशा बड़ों के साथ बैठी थी । उसके छोटे नाना धार्मिक चर्चा कर रहे थे । तनु बोर हो रही थी । बड़ों
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