Month: February 2013
Life
Life is like a badminton match, if you want to win… Serve well, return well, play cool and do remember that the game starts with
धर्म/अधर्म
अधर्म = बदला लेना, धर्म = अपने आपको बदल लेना । आर्यिका श्री पूर्णमती माताजी
आचरण/कुलाचरण
कुल की अच्छी परम्पराओं को निभाना कुलाचरण है, शास्त्रानुसार/गुरू/भगवान की आज्ञानुसार चलना आचरण है ।
Adjustment
All fingers are not same in length. But when they are bent, all stand equal. Life becomes easy when we bend and adjust to situations.
शरीरों की वर्गणाऐं
यद्दपि सामान्य रूप से औदारिक, वैक्रियक व अहारक शरीरों का आहार वर्गणाओं से ही निर्माण कहा गया है । पर वास्तव में तीनों की वर्गणायें
सत्य
सब यही कहते हैं कि वे सत्य को पसंद करते हैं, पर असलियत यह है कि जिसे वे पसंद करते हैं, उसे ही वे सत्य
जीने की कला
संसार में रहो, पर रमण करो अपने में । मुनि श्री प्रमाण सागर जी
आनंद
बिना कारण पेड़ झूमते रहते हैं, चिड़ियाँ चहकती रहती हैं, तारे टिमटिमाते रहते हैं । हमारे पास सब कुछ होते हुए भी, हम आनंदित क्यों
वैराग्य
कमल कीचड़ में पैदा होता है, कीचड़ में बढ़ता है, पर कीचड़ से निर्लिप्त रहता है । हम लोग भी संसार में पैदा होते हैं,
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