Day: September 26, 2013
ज़िंदगी
September 26, 2013
ज़िंदगी पल-पल ढ़लती है, जैसे रेत मिट्टी से फिसलती है । शिकवा कितने भी हों फिर भी हर पल हंसते रहना, क्योंकि ये ज़िंदगी जैसी
ज़िंदगी पल-पल ढ़लती है, जैसे रेत मिट्टी से फिसलती है । शिकवा कितने भी हों फिर भी हर पल हंसते रहना, क्योंकि ये ज़िंदगी जैसी
Recent Comments