Month: September 2013

उत्तम मार्दव धर्म

मार्दव धर्म का बुंदेलखंड़ में मतलब – मान को मार दओ, उससे बना मार्दव । मानना तभी संभव जब मान+ना, मान नहीं रहे, या कहें

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उत्तम क्षमा धर्म

क्षमा आत्मा का धर्म है । मनुष्य गलतिओं का पिटारा है, यदि क्षमा भाव नहीं रखा गया तो महायुद्ध शुरू हो जायेगा, सब कुछ नष्ट

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पर्युषण पर्व

पर्युषण पर्व की पूर्व संध्या पर आप सब को शुभकामनायें । पर्व याद दिलाते हैं कि धर्म आत्मा का है । यह शाश्वत पर्व अंदर

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View

Everyone have two Eyes…. But no one has the same view. (Mr. Arvind Barjatya)

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आत्मानुभूति

आत्मानुभूति के अभाव में आत्मा की आहुति हो जाती है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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सकारत्मकता

विश्व धर्मसभा में गीता को सब धार्मिक पुस्तकों के नीचे रखा गया । स्वामी विवेकानंद से पूछा – आपको बुरा नहीं लगा ? स्वामी विवेकानंद

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Love

God love the birds and invented trees, Man love the birds and invented cages.

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दिशा

मंज़िल पाने के लिये रफ्तार की नहीं, सही दिशा कि जरूरत होती है ।

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ज़िंदगी

ज़िंदगी एक अभिलाषा है, अज़ब इसकी परिभाषा है । ज़िंदगी क्या है मत पूछो यारो, संवर गयी तो जन्नत और बिखर गयी तो तमाशा है

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तीर्थंकर प्रकृति बंध

यह उन जीवों के नहीं होता जिनके मनुष्य या त्रियंच आयुबंध हो गया हो । क्योंकि मनुष्य व त्रियंच सम्यग्दर्शन के साथ कर्मभूमि में मनुष्य

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मंगल आशीष

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