Month: February 2014
मन:पर्यय ज्ञान
मन के आलम्बन से जाना जाता है तो मतिज्ञान क्यों नहीं कहा ? चंद्रमा को देखने आकाश की साधारण अपेक्षा होती है, पर है तो
मोह
शराबी की लाल आंखों को दवा से ठीक नहीं किया जा सकता । मोह की लाली को हटाने के लिये ज्ञान की दवा पिलानी होगी,
बुज़ुर्ग
बुज़ुर्ग वे आईने हैं, जिनमें हम अपना भविष्य देख सकते हैं , उनको देखकर हम अपना भविष्य सुधार सकते हैं । जिन्होंने गल्तियाँ की हैं,
Attitude
Heavy rains remind us of challenges in life. Never ask for a lighter rain. Just pray for a better umbrella. (Mrs. Neelima – Mumbai)
आत्मा की कीमत
श्रीमद् रायचंद जी की सभा में एक व्यक्ति को किसी ने बीड़ी पीने का ईशारा किया, वह बीड़ी पीकर फिर सभा में आकर आत्मा की
घमंड़
अपनी उम्र और पैसे पर कभी घमंड़ मत करना, क्योंकि जो चीजें गिनी जा सकें वो यकीनन खत्म हो जाती हैं ।
सम्मूर्छन जन्म
इस तरह से मनुष्य पुरूषों के कान/नाक के मैल में भी जन्म लेते हैं । पाठशाला
Our Body Parts
A Superb Message conveying life..!! We Have Two Eyes & One Tongue, Which Means We Need to Look Twice & Talk Once..!! We Have Two
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