Month: May 2014

अंत

भोजन के अंत में सफेद चावल आते हैं तब भोजन समाप्त हो जाता है । सफेद बालों के आ जाने पर तो भोगना समाप्त कर

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संसार भ्रमण

जो बच्चे कक्षा में बार बार फेल होते हैं, उन्हें उसी कक्षा में बार बार रहना परता है । यदि हम कर्मोदय में बार बार

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Life

The simplest thing in this world is our Life. & The most complicated thing is the way we Live it.

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आचरण

आचरण के दंड़ के बिना उदंड़ता नहीं जाती है । आचार्य श्री विद्यासागर जी

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बंध

सम्यक प्रकृति से कोई बंध नहीं होता । दर्शन मोहनीय के सिर्फ मिथ्यात्व तथा चारित्र मोहनीय (अविरति, प्रमाद, कषाय) से ही कर्म बंध होते हैं

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हार/जीत

युद्ध में राम जाते थे तो भावना जीतने की रहती थी, हराने की नहीं । इसीलिये वे कर्मों को जीतकर भगवान बन गये । साधारण

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भक्ति

राग सहित भक्ति, वैरागी बनाती है । वैरागी की भक्ति, वीतरागी । मुनि श्री विमर्श सागर जी

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पुरुषार्थ/कृपा

व्यवसाय में पहले पैसा लगाते हो, मेहनत करते हो, तब फायदा होता है । बैंक में पैसा जमा करते हो, तब व्याज मिलता है । बिना

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मंगल आशीष

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May 13, 2014