Month: June 2014

मित्र

ईश्वर ने हमारे शरीर की रचना कुछ इस प्रकार की है, कि ना तो हम अपनी पीठ थपथपा सकते हैं और ना ही स्वयं को

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ज़िंदगी

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली, कुछ यादें मेरे संग ….. पांव पांव चलीं ! सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ, वो

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Hope/Dream

Our hopes and dreams should be like hair and nails… No matter how many times they get cut but they never stop growing. (Mr. Dharmendra)

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धर्मनीति/राजनीति

अपने गुनाह को स्वीकार करने वाले को धर्मनीति शाबासी देती है, राजनीति सज़ा । मुनि श्री सुधासागर जी

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आदत

आदतें यदि समय रहते नहीं सुधरीं , तो वे जरूरतें बन जाती हैं। ब्र. नीलेश भैया

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सम्यक् लब्धि/विशुद्धता

कर्मों की निर्जरा सम्यक् लब्धि की तुलना में विशुद्धता से ज्यादा होती है । जैसे उपशम श्रेणी के 8, 9, 10 गुणस्थान वाले से क्षपक

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Happiness

The happiest people don’t have everything in life…. They just keep creating situations that bring happiness everyday. (Mr.Deepak Jaiswal)

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सहारा

Bathroom में गिरते समय Switch board का सहारा लिया । Switch board का ? जो खुद Mechanic के सहारे रहता है ! जो घातक झटके

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मंगल आशीष

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June 13, 2014