Day: July 2, 2014

आयुबंध

कर्मभूमिज मनुष्य व तिर्यंचों की अपेक्षा मनुष्यायु का बंध दूसरे गुणस्थान तक (क्योंकि सम्यग्दृष्टि मनुष्य/तिर्यंच देव ही बनते हैं, जबकि देव/नारकियों को अगले जन्म में

Read More »

हितकारी

रागियों के मीठे वचन भी अहितकारी हो सकते हैं । पर गुरूओं के कठोर वचन भी हितकारी होते हैं । मुनि श्री सुधासागर जी

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

July 2, 2014