Day: October 18, 2014

पुरुषार्थ

पुरुष (आत्मा) तक पहुँचने वाले को पुरुषार्थी कहते हैं । समग्र-4 अंदर/तिजोरी तक सेठ ही पहुँचता है, सेवक तो बाहर बाहर ही रहता है/उलझा रहता

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मंगल आशीष

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October 18, 2014