Month: December 2014
सम्बंध/बंध
December 5, 2014
सम्बन्ध को बस सम्बंध ही मानो तो फायदा, यदि सम्बंध को बंध मान लिया तो नुकसान ही नुकसान (इस लोक का भी, और परलोक का
I & We
December 4, 2014
When “I” is replaced by “We” , even “illness” becomes “wellness”. (Mrs.Manju )
वृद्धावस्था
December 3, 2014
जूना होने पर कपड़ा किसी और के काम का नहीं रहता , पर जो किसी के भी काम का नहीं रह जाता, वह अपने काम
गुणश्रेणी/असंख्यात गुणी निर्जरा
December 2, 2014
गुणश्रेणी निर्जरा – प्रति समय असंख्यात गुणी बढ़ती हुई । असंख्यात गुणी निर्जरा – पांचवे गुणस्थान की तुलना में छठवें गुणस्थान आदि में । पं.
Character
December 1, 2014
Character is like a book, years are taken to write, but seconds to burn. (Mr. Sushel Sharma)
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