Month: December 2014

सम्बंध/बंध

सम्बन्ध को बस सम्बंध ही मानो तो फायदा, यदि सम्बंध को बंध मान लिया तो नुकसान ही नुकसान (इस लोक का भी, और परलोक का

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I & We

When “I” is replaced by “We” , even “illness” becomes “wellness”. (Mrs.Manju )

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वृद्धावस्था

जूना होने पर कपड़ा किसी और के काम का नहीं रहता , पर जो किसी के भी काम का नहीं रह जाता, वह अपने काम

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मोक्ष

मोक्ष = मो + क्ष = मोह का क्षय मुनि श्री विश्रुतसागर जी

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Character

Character is like a book, years are taken to write, but seconds to burn. (Mr. Sushel Sharma)

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मंगल आशीष

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December 5, 2014