Month: January 2015

I

“I” is the smallest word. When we make it big, we become small.

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दुश्मन

बाह्य दुश्मनों को खाद्य पदार्थ देकर उन्हें बलवान , हमारे अंदर बैठे दुश्मन ही करते हैं।

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अमीर/गरीब

कोई भी इतना अमीर नहीं होता , कि बीता हुआ “कल” खरीद ले, पर इतना गरीब भी कोई नहीं कि आने वाले “कल” को न

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Mathematics

“2get” then “2give”, creates lot of problem. so just double it – “4give” and “4get”, solves lot of problem. (Manju)

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मुक्ति

बच्चों को मुक्त कराने की प्रक्रिया में , अपने आप को मैं पल पल मुक्त होता अनुभव कर रहा हुँ। (कैलाश सत्यार्थी- नोबल प्राईज-2014)

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मोक्ष/नय

मोक्ष तो व्यवहार नय से ही मिलता है (1 से 12 गुणस्थान तक व्यवहार नय ही है ) । निश्चय नय पर तो दृष्टि रहती

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2015

2014 में जो appreciate किया हो, 2015 में उन्हें implement करें। 2014 में जो खामिंयाँ खली हों, 2015 में उन्हें खूबियों में खिला दें। चिंतन

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मंगल आशीष

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January 6, 2015