Day: February 16, 2015

ज्ञान

ज्ञान पाने के 4 चरण गुरु विनय स्वयं का अभ्यास/पुरूषार्थ पुण्य/समय आना मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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रत्नत्रय से बंध तथा मोक्ष

समयसार – जब जघन्य भाव से परिणमन करता है/राग सहित होता है तब इंद्रादि/ तीर्थंकर आदि का बंध करता है । उत्कृष्ट भाव/राग रहित मोक्ष

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मंगल आशीष

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February 16, 2015

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