Month: February 2015

चारित्र

इसकी शुरुआत – 5 गुणस्थान से (चरणानुयोग तथा द्रव्यानुयोग की अपेक्षा ) – जब चारित्र के दो भेद किये (देश/सकल) । तीन भेद (उपशम, क्षायिक,

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संसार

ज़हर मरने के लिए थोड़ा सा , पर जिंदा रहने के लिए बहुत सारा पचाना पडता है। ( अरविंद )

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मंगल आशीष

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February 2, 2015

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