Month: May 2015
पाप पर द्रष्टि
पापी कहने वाले की निगाह पापों पर ही टिकी रह जाती है, और पाप करने वाला प्रायश्र्चित्त करके पापों से मुक्ति पा सकता है /
उद्देश्य
दिन की शुरुआत में पैसा ही उद्देश्य होता है, शाम होते होते उद्देश्य हो जाता है शांति। (दिव्या-लंदन)
सुख/दुख
फुलों की तरह खिले, तो तोड़ लिये जाओगे । पत्थर की तरह तराशे गये, तो भगवान बन जाओगे । (राजेन्द्र-दिल्ली)
परोपकार
इटली का प्रचलन- रैस्टोरैंट में एक काफी पीने वाला , दो काफी का order देता है, एक अपने लिये , दूसरी गरीबों के लिये ।
प्रभाव
जीवन में तीन का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है । मौसम माहौल मानसिकता मुनि श्री मंगलानंद जी
जन्म और उद्देश्य
हीरे का जन्म तो पत्थर की खदान में होता है, पर सजता है राजा के मुकुट में ।
Rise
No one can rise suddenly, not even the Sun; so start slowly but DAILY. (Manju) But fall can be sudden, so DAILY take support of
मोक्ष
मोक्ष का मार्ग तो बिलकुल सीधा है, इसीलिए टेड़ी चाल वाले इस मार्ग पर नहीं चल पाते । (दिव्या-लंदन)
Recent Comments