Month: September 2015
भाषा
September 30, 2015
भावों को दर्शाने का माध्यम और सबसे अच्छी अभिव्यक्ति मातृभाषा में ही हो सकती है । आचार्य श्री विद्यासागर जी
पल्य/सागर
September 30, 2015
पल्य , 45 अंक प्रमाण होता है । सागर=10 कोडा कोडी पल्य का । बाई जी
Short-Cut
September 29, 2015
Short-Cuts make long delays. ( संसार और परमार्थ दोनों में )
अनेकांत
September 28, 2015
पहाड़ पर चढ़ने के बहुत मार्ग होते हैं । पर जैसे जैसे चोटी के करीब पहुँचते जाते हैं, मार्ग कम होते होते एक ही रह
प्रगति
September 27, 2015
पहले 50:50 पाप:पुण्य से संतोष रहता था । जब से धर्म शुरू किया है 20:80 पाप:पुण्य से भी संतोष नहीं मिलता है । स्वाति-(मुम्बई)-चिंतन
मन
September 25, 2015
मन रूपी खेत में यदि अच्छे विचारों की फसल नहीं बोयी तो घास तो उगेगी ही । मुनि श्री वीर सागर जी
उत्तम तप
September 24, 2015
1) लोहे को जब तक तपाते रहोगे, उस पर जंग नहीं लगेगी । 2) बिना व्रत / उपवास का तप – अपशब्द / निंदा सुनकर
Problem
September 23, 2015
Running away from problem, only increases the distance from the solution. (Sanjay)
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