Month: September 2015
भावना
मुक्ति की भावना रखोगे तो संसारी दु:खों से मुक्ति मिल ही जायेगी । चिंतन
सितारे जमीं के
मत शिक्षा दो इन बच्चों को आसमान छू लेने की, चाँद सितारे छूने वाले छूमंतर हो जाते हैं । अगर दे सको, शिक्षा दो तुम,
Spreading Light
There are two ways of spreading light- 1) to be the candle or 2) the mirror that reflects it.
आंतरिक कमजोरी
रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हों, तो भी एक अच्छा जूता पहनकर उस पर चला जा सकता है.. लेकिन यदि एक अच्छे जूते के अंदर
उत्तम क्षमा
1) सबसे पहले अपने आप को क्षमा 2) फ़िर देव,गुरु,शास्त्र से 3) माता पिता से 4) अपने देश से 5) जिनसे मन मुटाव हुआ हो
Positivity
Waves are inspiring, because they never fail to rise again. (Divya-London)
मान/अपमान
अपमान सहना कठिन है, पर मान को सहना उससे भी कठिन है । गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
तीर्थंकर प्रकृति बंध
नरक में 2 पर्याप्तियाँ पूर्ण होते ही तीर्थंकर प्रकृति बंध शुरू होता है । बिना करण के सम्यग्दर्शन, फिर तीर्थंकर प्रकृति बंध शुरू, पहले गुणस्थान
साधु
वे प्रकृति को रोकते नहीं, प्रकृति से वे रूकते नहीं हैं । कर्मों के फल को वे रोकते नहीं, कर्म उनको रोकते नहीं हैं ।
Challenge/Choice
Life is like playing Chess with God. After every move of yours, His move comes. His moves are “challenges”, yours “choices”. (Parul-Delhi)
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