Month: November 2015

रहन-सहन

जिसे “सहना” आता है ,उसे ही “रहना” आता है । “रहन-सहन” शब्द इसी आशय से बना होगा ।

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एहसान

जरा तमीज़ से बटोरना, बुझे दियों को दोस्तों ! इन्होंने …दीवाली की अन्धेरी रात में हमें रोशनी दी थी……। किसी और को जलाकर खुश होना

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जल

जिंदगी है जल की तरह, इसे फालतू में बहाकर बर्बाद मत होने दो । जल है जिंदगी, इसे फालतू में बहाकर बर्बाद मत होने दो

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Get what you try

Sea is Common for all. Some take Pearls, some take Fishes & some come out with just Wet Legs. World is common to all but

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शुभ / शुध्द

हंस दूध पीकर पानी को छोड़ता नहीं है, पानी छूट जाता है । शुध्द अवस्था में, शुभ अपने आप छुट जाता है, छोड़ना नहीं पड़ता

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सत्य

दुनिया में लोग सत्य के लिये नहीं लड़ते , मेरी बात सत्य है, इसके लिए लड़ते हैं , पर जो सत्य को पा जाते हैं

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मंगल आशीष

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November 22, 2015

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