Month: December 2015
निर्जरा
December 23, 2015
सविपाक तथा अकाम निर्जरा सब जीवों के (सम्यग्दृष्टि व मिथ्या दृष्टि के भी), अविपाक वृतियों के, पर सम्यग्दर्शन के सम्मुख खड़े पहले गुणस्थान वाले के
Faith
December 19, 2015
Faith sees / believes the invisible, and receives the impossible / incredible.
सुख
December 17, 2015
संसार में सुख, दर्पण में मुख होता नहीं, दिखता है । साधनों में नहीं साधना से, साध्य को पाने में मिलता है । आर्यिका श्री
Goal
December 16, 2015
A good and difficult GOAL is like a strenuous exercise, it makes you stretch and strong.
कर्म प्रक्रिया
December 16, 2015
कार्मण शरीर में असाता का उदय, तो तैजस को बुखार, औदारिक बीमार । इलाज- कार्मण का इलाज किये बिना रोग ठीक होने वाला नहीं जैसा
वैभव
December 15, 2015
मैं नमक की तरह हूँ । जो जरुरी तो है, मगर जरुरत से ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता हूँ । मैं बोलता
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