Day: March 5, 2016
कर्म की शक्ति
March 5, 2016
रेगिस्तान, जंगल चाहे कितने भी विस्तार कर लें, नदी चाहे कितनी ही उफन ले, समुद्र की सीमा पर थम ही जाते हैं ।
रेगिस्तान, जंगल चाहे कितने भी विस्तार कर लें, नदी चाहे कितनी ही उफन ले, समुद्र की सीमा पर थम ही जाते हैं ।
Recent Comments