Month: April 2016

मरण

जो इंसान “खुद” के लिये जीता है ,उस का एक दिन “मरण” होता है , परंतु जो इंसान “दूसरों” के लिये जीता है ,उस का

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Super Human

Never try to become SUPER-HUMAN, realise the capacity of being HUMAN,which is SUPER. Why do we miss SUPER qualities ? Because… Normally we discover our

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अज्ञानता

ये नादानी भी बेमिसाल है – “अँधेरा दिल में है, दिये मंदिर में जलाये जाते हैं ” (मंजू)

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अपना

मनुष्य का अपना क्या है..!? – जन्म : दूसरों ने दिया, – नाम : दूसरों ने रखा, – शिक्षा : दूसरों ने दी, – रोजगार

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निधत्ति/निकाचित

ऐसे कर्मों का स्वभाव देवदर्शन से तथा 9 वें गुणस्थान में जाने से समाप्त हो जाता है तथा यूँ कहें कि – अलग अलग कर्म

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ज़िंदगी

” ज़िंदगी ” बदलने के लिए लड़ना पड़ता है और आसान करने के लिए समझना पड़ता है  ।

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संस्कार

अंग्रेज़ ने पूछा: भारतीय स्त्रियाँ हाथ क्यों नहीं मिलाती हैं? स्वामी विवेकानंद जी ने जवाब दिया… क्या आपके देश में कोई साधारण व्यक्ति आपकी महारानी

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निजानुभव

जिसे आप समझना चाहते हैं, उसके साथ आपको बैठना पड़ेगा; तभी आप उसे समझ पायेंगे। खुद के साथ मौन में बैठना शुरु करें। (सुरेश)

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रिश्ता

खूबसूरत रिश्ता है मेरा और भगवान के बीच…… ज़्यादा मैं माँगता नहीं, कम वो देता नहीं ।  ( नीलमा )

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मंगल आशीष

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April 13, 2016