Month: April 2016
Enemy / Friend
Do I not destroy my enemies when I make them my friends ? Abraham Lincon
मरण
जो इंसान “खुद” के लिये जीता है ,उस का एक दिन “मरण” होता है , परंतु जो इंसान “दूसरों” के लिये जीता है ,उस का
Super Human
Never try to become SUPER-HUMAN, realise the capacity of being HUMAN,which is SUPER. Why do we miss SUPER qualities ? Because… Normally we discover our
अज्ञानता
ये नादानी भी बेमिसाल है – “अँधेरा दिल में है, दिये मंदिर में जलाये जाते हैं ” (मंजू)
अपना
मनुष्य का अपना क्या है..!? – जन्म : दूसरों ने दिया, – नाम : दूसरों ने रखा, – शिक्षा : दूसरों ने दी, – रोजगार
निधत्ति/निकाचित
ऐसे कर्मों का स्वभाव देवदर्शन से तथा 9 वें गुणस्थान में जाने से समाप्त हो जाता है तथा यूँ कहें कि – अलग अलग कर्म
ज़िंदगी
” ज़िंदगी ” बदलने के लिए लड़ना पड़ता है और आसान करने के लिए समझना पड़ता है ।
संस्कार
अंग्रेज़ ने पूछा: भारतीय स्त्रियाँ हाथ क्यों नहीं मिलाती हैं? स्वामी विवेकानंद जी ने जवाब दिया… क्या आपके देश में कोई साधारण व्यक्ति आपकी महारानी
निजानुभव
जिसे आप समझना चाहते हैं, उसके साथ आपको बैठना पड़ेगा; तभी आप उसे समझ पायेंगे। खुद के साथ मौन में बैठना शुरु करें। (सुरेश)
रिश्ता
खूबसूरत रिश्ता है मेरा और भगवान के बीच…… ज़्यादा मैं माँगता नहीं, कम वो देता नहीं । ( नीलमा )
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