Month: April 2016
विषफल
April 4, 2016
अपने मन रूपी खेत में दूसरों के प्रति वैमनस्य रूपी विष बीज ड़ालेंगे तो फसल तो विष रूप ही होगी ना ! भोगनी तो तुम्हें
घड़ी
April 3, 2016
घड़ी की टिक-टिक को मामूली न समझो ! बस यूँ समझ लीजिये… ” ज़िंदगी ” के पेड़ पर ये समय रूपी कुल्हाड़ी के वार हैं
प्रयास
April 2, 2016
बारिश की बूँदें, भले ही छोटी हों, लेकिन उनका लगातार बरसना बड़ी बड़ी नदियों का बहाव बन जाता है. ऎसे ही हमारे छोटे छोटे और
आत्मानुभूति
April 2, 2016
सम्यग्दर्शन होने पर भी निचले गुणस्थानों में आत्मानुभूति क्यों नहीं होती ? कषाय की उपस्थिति में कषायानुभूति ही होगी, आत्मानुभूति नहीं ।
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