Month: June 2016

मंदिर

जब कण कण में भगवान हैं तो तुम मंदिर क्यों जाते हो ? हवा तो धूप में भी चलती है पर आनंद छाँव में बैठ

Read More »

शिकायत

शिकायतें तो बहुत हैं तुझसे ऐ ज़िंदगी, पर चुप इसलिये हूँ कि, जो दिया तूने वो भी कहाँ पूरा जीया हमने … (विजय-आगरा)

Read More »

रिश्ते

नहीं छोड़ी कमी, किसी भी रिश्ते को निभाने में मैंने । आने वालों को दिल का रास्ता दिया, और जाने वालों को रब का वास्ता

Read More »

Positivity

Thanks to… nights that turned into mornings, friends that turned into family, dreams that turned into realities. (Aruna)

Read More »

आहार,भय और मौत

एक ड़ाल पर दो उल्लू, एक के मुँह में साँप, दूसरे के में चूहा; साँप के मुँह में पानी(1), चूहे का मुँह भयभीत(2) । (1)

Read More »

ज़रूरत और ख्वाहिश

नंगे पाँव चलते “इन्सान” को लगता है कि “चप्पल होती तो कितना अच्छा होता” फिर ऐसा लगा कि……… “कार होती तो धूप नहीं लगती” फिर

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives

June 30, 2016