Day: July 8, 2016
ज़िंदगी
July 8, 2016
कंडक्टर सी हो गयी है ज़िंदगी, जाना भी रोज़ का है और जाना कहाँ मालूम नहीं ! थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ ज़िंदगी,
कंडक्टर सी हो गयी है ज़िंदगी, जाना भी रोज़ का है और जाना कहाँ मालूम नहीं ! थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ ज़िंदगी,
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