Month: July 2016

ख़ुश रहना / रखना

यदि हर कोई आप से ख़ुश है, तो ये निश्चित है कि आपने जीवन में बहुत से समझौते किये हैं …. और यदि आप सबसे ख़ुश

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धन / धर्म

धन की रक्षा करनी पड़ती है, धर्म हमारी रक्षा करता है । धन के लिए पाप करना पड़ता है, धर्म में पाप का त्याग होता

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दुआ

किसी ने ख़ुदा से मौत माँगी ! खुदा ने कहा… मौत तो तुझे दे दूँ, मगर उससे क्या कहूँ !! जिसने तेरी ज़िंदगी की दुआ

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परिस्थितिवश पाप

परिस्थिति पाप नहीं कराती, पाप तो मन:स्थिति से होता है। जिस परिस्थिति में रागी, पाप करता है; उसी परिस्थिति में वैरागी पुण्य करता है ।

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सूक्ष्म

प्रत्येक वनस्पति के सूक्ष्म (शरीर) नाम कर्म नहीं होता । करूणानुयोग दीपक – P 31

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ज़िंदगी

कंडक्टर सी हो गयी है ज़िंदगी, जाना भी रोज़ का है और जाना कहाँ मालूम नहीं ! थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ ज़िंदगी,

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जीवन

गोपालदास नीरज जी की एक रचना…… छिप-छिप अश्रु बहाने वालों! मोती व्यर्थ लुटाने वालों! कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।

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मंगल आशीष

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July 14, 2016