Month: October 2016
सहजता
October 14, 2016
अपने में भावित, दूसरों से अप्रभावित रहने वाला ही, सहज रह पाता है ।
दृष्टिकोण
October 12, 2016
व्यवहारिक दृष्टिकोण – अच्छा दिखूँ, आध्यात्मिक दृष्टिकोण – अच्छा बनूँ ।
सफलता
October 10, 2016
परीक्षा की ज़िंदगी में सफलता इतनी महत्त्वपूर्ण नहीं, जितनी ज़िंदगी की परीक्षा में ।
पर्याय/केवलज्ञान/नश्वरता
October 10, 2016
अर्थ पर्याय नश्वर है, व्यंजन अनश्वर, जैसे देवों के विमान । केवलज्ञान भी व्यंजन पर्याय है ज्ञान की, इसमें परिणमन व्यवहार से माना है ।
संस्था
October 9, 2016
संस्थाऐं भी शरीर की तरह बूढ़ी होती रहतीं हैं । समाधान है- परिवर्तन, तब ये हमेशा युवा रह सकतीं हैं ।
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