Month: October 2016
अपेक्षा से दु:ख
October 5, 2016
एक मटका और गुलदस्ता साथ में खरीदा हो और घर में लाने के 3 दिन बाद 50 रुपये का मटका अगर फूट जाए तो हमें
कड़वी बातें
October 4, 2016
कड़वी गोलियाँ चबाई नहीं, निगली जाती हैं । उसी प्रकार जीवन में अपमान,असफलता ,धोखे जैसी कड़वी बातों को सीधे गिटक जाऐं… उन्हें चबाते रहेंगे यानि
अन्यत्व
October 3, 2016
जिससे संबंध नहीं, वह अपने आप भिन्न हो जायेगा । मुनि श्री समतासागर जी
नज़रिया
October 2, 2016
नज़ारे नज़र नहीं दिखाती बल्कि नज़रिया दिखाता है । नज़रिया को ही सच्चा/झूठा दर्शन कहा है । क्षु. ध्यान सागर जी
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