Month: November 2016
प्रेरणा
November 12, 2016
ईश्वर “टूटी” हुई चीज़ों का इस्तेमाल कितनी ख़ूबसूरती से करता है … जैसे …. बादल टूटने पर पानी की फुहार आती है …… मिट्टी टूटने
कर्तापन
November 9, 2016
यदि भगवान कर्ता होता, (हमारे आज के कर्मों/कर्म फलों का) तो यह संसार बंद ही हो गया होता । मुनि श्री समय सागर जी
संबंध
November 9, 2016
संयोग संबंध भी दो प्रकार का – 1. प्रत्यक्ष भिन्न – शरीर और मकानादि, 2. अप्रत्यक्ष भिन्न – शरीर और आत्मा ।
गुरु / भगवान
November 8, 2016
आज के समय में भगवान तो होते नहीं है, तो यों समझें कि भगवान ने गुरुओं को Power of Attorney दिया हुआ है ।
अच्छाई / बुराई
November 7, 2016
जो “अच्छा” लगता है उसे ग़ौर से मत देखो, ..ऐसा न हो कोई “बुराई ” निकल आये… जो “बुरा” लगता है उसे ग़ौर से देखो..
पुरुषार्थ / भाग्य
November 6, 2016
अच्छा करना पुरुषार्थ है, जिसके लिये अच्छा किया गया वह अच्छा माने, यह भाग्य है ।
आरोग्य
November 5, 2016
चारों पुरुषार्थ का मूल है आरोग्य, पर स्वस्थ आरोग्य, स्वस्थता, तन के साथ मन की भी ।
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