Month: January 2017
चिल्लाना
चिल्लाते तो तभी हैं न, जब कोई दूर हो ? यदि आप अपनों पर चिल्ला रहे हो तो तुम उनसे (हृदय से) दूर हो ।
सम्यग्द्रष्टि की संख्या
ढ़ाई द्वीप के चौथे गुणस्थानवर्ती मनुष्य 700 करोड़ हैं । तीनों लोक में सम्यग्द्रष्टि जीव असंख्यात हैं । पं. श्री रतनलाल बैनाड़ा जी
समस्या
नारियल जैसी होती हैं समस्यायें । ऊपर से कठोर । खोल खोल लिया तो सफलता के मीठे जल से तृप्ति ।
गुरु की ऊर्जा
गुरु को कोई Negative Energy वाला छुए तो उनकी ऊर्जा कम होती है ? फूल यदि अपने आधार से जुड़ा हो, तो कैसे भी/कितने भी
कर्म-फल
आलस्य/जल्दी में लिखा हुआ Handwriting ख़ुद को भी समझ नहीं आता, दिक्कत देता है । चिंतन
भाव
दोषी को दोषी माना तो द्वेष होगा, दोषी को रोगी मानो, सहानुभूति होगी/भाव सुधरेंगे । क्षु. श्री गणेशप्रसाद वर्णी जी
विज्ञान / धर्म
विज्ञान = बाह्य, सुविधा, संदेह से शुरू, धर्म = अंतरंग, संतुष्टि, श्रद्धा से शुरू ।
हमारा
“हमारे पास क्या है ?” उससे महत्त्वपूर्ण है – “हमारे साथ क्या जायेगा ?” और सबसे महत्त्वपूर्ण है – “हमारा क्या है ?”
विरोध / परीक्षा
महाराणा प्रताप की शक्ति का पता तब लगा जब अकबर बहुत बड़ी सेना लेकर उन पर आक्रमण करने आया । विरोध/परीक्षा की घड़ियों में ही
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