Month: February 2017
सत्य
साधु यदि गाय को कसाई से बचाने के लिये झूठ बोलता है, वह सत्य तो नहीं, पर सत्य(अहिंसा)धर्म अवश्य है । मुनि श्री सुधासागर जी
हीरा / कंकड़
हीरे का उपयोग यदि हीरे जैसा ना करें तो कंकड़ और हीरे में फ़र्क़ क्या रहा ? मनुष्य और जानवर में क्या फ़र्क़ रह गया
पंचास्तिकाय
पुद्गल को अस्तिकाय उपचार से कहा है, क्योंकि शुद्ध पुद्गल (अणु) एक प्रदेशी ही होता है । मुनि श्री ज्ञानसागर जी
मोह
बाज़ का बच्चा बड़े होने पर भी उड़ान नहीं भरता, बार बार घोंसले में आकर बैठ जाता था । जब उसका घोंसला तोड़ दिया गया,
संगति
चंदन के पेड़ पर यदि नीम का पेड़ उग आये तो उसमें भी सुगंधि आ जाती है, पर उससे लिपटे साँप ज़हर ही उगलते हैं
बच्चों का धर्म
पढ़ाई करते समय अधर्म(बुरी आदतें)ना करना धर्म है । मंदिर जाओ, गुरुओं के दर्शन करो (जब संभव हो) ।
निमित्त / पुरुषार्थ
चश्मा निमित्त है तो पढ़ाई पुरुषार्थ, महत्त्व दोनों का । मुनि श्री धवलसागर जी
कर्म-सिद्धांत
नास्तिक को भी जब पुलिस पकड़ती है तो वह भी यही पूछता है – मैंने क्या किया ? वह भी मानता है – कुछ करने
धर्म में मन
धर्म में मन लगाने के लिये, उसमें रुचि पैदा करनी होगी, रुचि पैदा करने के लिये, धर्म का महत्त्व/उसका गौरव समझना होगा ।
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