Month: March 2017
दु:ख का कारण
एक महिला, जहाँ भी उँगली रखती, उसे ही कोसती क्योंकि उसकी उँगली में दर्द होने लगता था, उँगली में फ्रैक्चर था । तो, दर्द का
नियम
नियम इसलिये बने हैं ताकि हम बनें रह सकें…. लेकिन हो यह रहा है कि नियम तो बनते जा रहे हैं, लेकिन हम टूटते जा
मिथ्यात्व
मिथ्यात्व बंध में कारण नहीं, अधिकरण है । बंध में कारण तो दो ही होते हैं – कषाय और योग । (भेद 4 हैं, जिनमें
मौन
जब वाणी मौन होती है, तब मन बोलता है; जब मन मौन होता है, तब आत्मा बोलती है; जब आत्मा मौन होती है, तब परमात्मा
संस्कृति
इसके पालन से विकृति से बचते हैं । जिस दूध के संस्कार कर दो वह दूध फटता नहीं/विकृत नहीं होता है ।
मौत
ज़िंदगी की चादर पर रोज़ एक छेद हो जाता है… ताकि जीने वाला झाँक कर देख सके कि अब मौत उसके कितने क़रीब है…. पूज्य
देवों के प्रकार
2 प्रकार – आराध्य – जो की पूज्यता के दायरे में आते हैं । इष्ट – जिनकी नित्य पूजा करते हैं । संकट के समय
पाप / पुण्य / मुक्ति
प्राय: धार्मिक जन पाप-पुण्य/नरक-स्वर्ग की बातें करते हैं । ज्ञानी, पाप-पुण्य से परे, मुक्ति की । मुनि श्री सौम्यसागर जी
भाव / क्रिया
इन दोनों में महत्त्वपूर्ण कौन ? गुरू पर Attack करने वाले से बचाने वाला युद्ध करता है – क्रिया दोनों Same, पर भाव अलग अलग;
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