Month: September 2017

अनाथ

कुछ नादान बच्चे सब्ज़ी बेच रहे थे ! किसी ने पूछा :- “पालक” है क्या ? बच्चों का जवाब सुनकर मन भर आया, बोले… “पालक”

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स्वभाव

स्वभाव कभी बदलता नहीं, उसमें निखार/मलिनता लायी जा सकती है ।

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अतिथि

भ्रमर जैसा होना चाहिए । जोंक जैसा नहीं, ऐसी प्रवृत्ति तो त्याज्य है ।

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साधना

परिस्थिति को मन:स्थिति न बनने देना । क्षु. श्री ध्यानसागर जी

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बोलना

यदि इनसान की तरह बोलना नहीं आता, तो जानवर की तरह मौन रहना सीख लो ।

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गुण

गुण से गुणांतर ही परिणमन है, जैसे आम का हरे से पीला होना । पर गुणों में परिणमन नहीं माना है, इस अपेक्षा से कि

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मन

जो चीजें मन को बहलाती हैं, वे ही मन को भटकाती हैं ।

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शिकायतें

यदि आपको किसी एक से शिकायत है तो उससे बात कीजिए, यदि आपको अधिकतर लोगों से शिकायत है तो ख़ुद से बात कीजिए । (डॉ.मनीष)

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शान्ति

स्पीड ब्रेकर कितना भी बड़ा हो, गति धीमी करने से झटका नहीं लगता । उसी तरह, मुसीबत कितनी भी बड़ी हो, शान्ति से विचार करने

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मंगल आशीष

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September 13, 2017

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