Month: September 2017
अनाथ
September 13, 2017
कुछ नादान बच्चे सब्ज़ी बेच रहे थे ! किसी ने पूछा :- “पालक” है क्या ? बच्चों का जवाब सुनकर मन भर आया, बोले… “पालक”
अतिथि
September 11, 2017
भ्रमर जैसा होना चाहिए । जोंक जैसा नहीं, ऐसी प्रवृत्ति तो त्याज्य है ।
बोलना
September 9, 2017
यदि इनसान की तरह बोलना नहीं आता, तो जानवर की तरह मौन रहना सीख लो ।
गुण
September 9, 2017
गुण से गुणांतर ही परिणमन है, जैसे आम का हरे से पीला होना । पर गुणों में परिणमन नहीं माना है, इस अपेक्षा से कि
शिकायतें
September 6, 2017
यदि आपको किसी एक से शिकायत है तो उससे बात कीजिए, यदि आपको अधिकतर लोगों से शिकायत है तो ख़ुद से बात कीजिए । (डॉ.मनीष)
शान्ति
September 5, 2017
स्पीड ब्रेकर कितना भी बड़ा हो, गति धीमी करने से झटका नहीं लगता । उसी तरह, मुसीबत कितनी भी बड़ी हो, शान्ति से विचार करने
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