Day: October 16, 2017
रत्नत्रय
October 16, 2017
सम्यग्दर्शन – पाप को पाप जानना । सम्यग्ज्ञान – पाप को पाप मानना । सम्यकचारित्र – पाप को पाप मानकर छोड़ना ।
समानुभूति
October 16, 2017
दूसरे की पीड़ा ख़ुद में महसूस करना । तड़पता देखता हूँ कोई शय (जीव), उठा लेता हूँ, अपना दिल समझकर ।
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