Month: February 2018
सामूहिक पूजन
सामूहिक पूजन आदि में एक लाइन एक पक्ष, दूसरी लाइन दूसरा पक्ष गाता है तो सुनते समय ज्यादा मन लगता है/भाव आते हैं क्योंकि सुनते
7 वें गुणस्थान को अप्रमत्त क्यों ?
7 वें गुणस्थान में बुद्धिपूर्वक अप्रमत्त दशा रहती है । पूर्ण अवस्था तो 14 वें गुणस्थान में ही होती है । व्य. कृ. – मुख्तार
जानना / मानना
जानने के साथ मानने वाले युधिष्ठिर, और सिर्फ़ जानने वाले दुर्योधन बनते हैं । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
मंदिर दर्शन आदि में हिंसा
मंदिर दर्शन आदि में हिंसा तो फ़ायदा ? मंदिर/गुरु दर्शन से ही तो पता लगा कि हिंसा से बचना चाहिये । श्री लालमणी भाई
स्त्री में दिगम्बरत्व क्यों नहीं ?
स्वभाव से लज़्ज़ालू, यदि दिगम्बरत्व धारण कर भी लिया तो विकल्प रहेंगे, मोक्ष में बाधा । मुनि श्री विनिश्चयसागर जी
सिद्ध
सिद्ध भगवान की मूर्ति के ऊपर छ्त्र नहीं होना चाहिए (वे प्रातिहार्य हैं) । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
सदुपयोग / दुरुपयोग
सदुपयोग – समय पर किया गया कार्य, दुरुपयोग – समय निकलने के बाद किया गया कार्य । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
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