Month: May 2019

धनोपार्जन

धनोपार्जन कितना/कब तक ? मन की शांति जब तक बनी रहे, उतना । जिम्मेदारी पूरी होने तक ।

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नोकर्म

धर्मद्रव्य आदि जो भी सहयोग देते हैं सब नोकर्म हैं । मुनि श्री सुधासागर जी

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सल्लेखना

किसी के बेहोश होने के बाद उसे अन्न जल का त्याग कराना सल्लेखना नहीं, हिंसा है । मुनि श्री प्रमाणसागर जी

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रायचंद्र

जल में प्रतिबिंब दिखता है (दूसरों को भी दिखा सकते हैं), वर्फ बन जाने पर दिखना/दिखाना बंद ।

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स्व-नियंत्रण

गर्मी लगे तो पूरे कमरे को ठंड़ा करने में तो ढ़ेरों बिजली का खर्चा आयेगा, एक गिलास ठंड़ा पानी पीने से भी ठंड़क पड़ सकती

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विनय

विनय = वि + नय = विशेष रूप से ले जाने वाला नय (यथार्थ की ओर) । मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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गोचरी-वृत्ति

गोचरी-वृत्ति याने जैसे गाय नीचे मुँह करके/बिना इधर उधर देखे अपना भोजन करती रहती है । ऐसे ही साधु-प्रवृत्ति वाले भी अपने काम से काम

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मंगल आशीष

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May 26, 2019