Month: February 2020
लेश्या और ध्यान
लेश्या (कषाय रंजित योग) अशुभ जैसे नारकियों की, पर सम्यग्दृष्टि के धर्म ध्यान शुभ । ऐसे ही लेश्या शुभ पर ध्यान (रौद्र/अभिप्राय) खोटा जैसे रावण
पाप / पुण्य
पुराने/गंदे तथा नये नोट में से पहले कौन सा खर्च करोगे ? पुराना । ऐसे ही पाप/पुण्य में से, पहले पाप निपटायें ।
अभिषेक
5 प्रकार के – 1. देवाभिषेक – देवों के जन्म के समय 2. राज्याभिषेक – राजाओं के 3. जन्माभिषेक – भगवान के जन्म के समय
विद्वान / बुद्धमान
विद्वान जो छोटी बात को बड़ा कर दे । बुद्धमान जो बड़ी बात को छोटा कर दे । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
सम्बंध
सम्बंध 3 प्रकार के – 1. संयोग – जैसे पति/पत्नि 2. संश्लेष – एक दूसरे में प्रवेश, जैसे आत्मा/कर्म 3. तादात्म – कभी अलग न
माँगना
छोटे (वर्तमान) समस्या का समाधान मांगते हैं, जैसे दुर्योधन ने सेना माँगी, कृष्ण नहीं । बड़े ऐसा देते हैं (बिना मांगे) जिससे समस्या आयेगी ही
आत्मा के भेद
आत्मा के भेद उनकी क्रियाओं के अनुसार आचार्य कुंद्कुंद ने किये हैं – जो बाहर की ओर देखे “बहरात्मा”, अंदर की ओर देखे “अंतरात्मा”, पापों
Non-violence
Non-violence is the first article of my faith. It is also the last article of my creed (धर्म/धर्म-मत/स्वीकृत-मत). Mahatma Gandhi
अपने दोषों को देखना
अपने दोषों को देखने के लिये – 1. अज्ञान हटाना होगा 2. पूर्वाग्रह से हटना होगा 3. अभ्यास करना होगा जैसे मुनि प्रतिदिन तीन बार
मंत्र से भगवान
मंत्र से पत्थर की मूर्ति भगवान बन जाती है, पर मनुष्य ? मनुष्य मंत्र से नहीं, गुरु की मंत्रणा से मूर्ति रूप भगवान ही नहीं
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