Month: April 2020

राग

भेद – राग करना – निचले स्तर पर । बुद्धि पूर्वक गृहस्थों में, अबुद्धि पूर्वक व्रतियों के राग होना – मुनिजन राग करते नहीं सत्ता/उदय

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साता / असाता

एकेन्द्रिय में असाता की बहुलता होती है । जैसे जैसे इंद्रियां बढ़ती जाती हैं, साता भी बढ़ती जाती है । बहुतायत मनुष्यों में अधिकतर साता

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परोपकार / अपकार

परोपकार नाम की कोई चीज़ नहीं होती, हम तो स्व पर उपकार करते हैं, सामने वाला अपने पुण्य से अपना काम करा लेता है ।

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गमन / विहार

गमन, साधारण जन का ; विहार, साधुओं का/ अहिंसात्मक/ पैदल ; भगवान का “श्री विहार” क्योंकि कमलों (लक्ष्मी का आसन/प्रतीक) पर होता है । मुनि

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मन की मलीनता / पवित्रता

अचानक ये पहाड़ी कैसे बन गयी, पिछले 5-10 सालों में तो दिखती नहीं थी ? यह दिल्ली के कूड़े का ढेर (गाजीपुर) है, जो वातावरण

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निर्जरा

भक्ति आदि से वे पाप कर्म कटते हैं जो सुगति/संसारी वैभव आदि में अवरोधक हैं । व्रतादि से वे, जो मोक्षमार्ग में बाधक हैं ।

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गृह-मंदिर

इनमें चमत्कार नहीं सुने, चाहे मंदिर सोने/चांदी के ही क्यों न हों । कारण ? 1. घरों में इतनी पवित्रता नहीं रह सकती, 2. बहुत

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कुभोग भूमि

अंतर-द्वीपज ही ! वहाँ तिर्यंच नहीं होते, मनुष्य ही आधे तिर्यंच की शक्ल के, कल्पवृक्ष नहीं, मिट्टी खाते हैं । मुनि श्री सुधासागर जी

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भगवान महावीर जयंती

The tendency to follow the path of least resistance guarantees failure in life. इसीलिए भगवान महावीर ने महलों की आरामदायक जिंदगी छोड़ कर जंगलों का

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मंगल आशीष

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April 10, 2020