Month: May 2020

क्षुद्र-भव

सबसे छोटी आयु (एक साँस में १८ बार जन्म/मरण) वाले भव को क्षुद्र-भव कहते हैं । मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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अहम्

धागे के अहम् को बनाये रखने के लिये मोम अपना सर्वस्य दे देता है, फिर भी धागे का वहम् समाप्त नहीं होता, हम इनसे दूर

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प्रथमोपशम सम्यग्दर्शन

प्रथमोपशम सम्यग्दर्शन राष्ट्रपति जैसा होता है । आता थोड़ी देर को है पर उदघाटन(मोक्षमहल का) कर जाता है । मोक्ष की टिकिट तो कट गयी,

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वस्त्रों का महत्व

पूजा/आहार में शुद्ध धोती-दुपट्टा पहनने से बाह्य शुद्धता के साथ साथ अंतरंग शुद्धता/शक्ति बढ़ जाती है । जैसे पुलिस वाला यदि सादा कपड़ों में हो

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बाल नाखून/नामकर्म

शरीर/बालादि नामकर्म से, केवली भगवान का शरीर तो कपूर जैसा उड़ जाता है, बाल/नाखून क्यों नहीं ? जगह आदि की पहचान के लिये । भोगभूमज

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मृत्यु

मृत्यु से डर लगता है कि उस पार ना जाने कैसा/क्या होगा ? तभी दरवाजा खुला और पालतु कुत्ता खुश होकर मालिक को चाटने लगा

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संज्ञा

संज्ञा औदायिक भाव है, श्रुतज्ञान से काम करती है । मुनि श्री सुधा सागर जी

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गलतियों से सीख

हमारी उम्र इतनी नहीं कि हम ख़ुद हर प्रकार की गलती कर सकें, इसलिये दूसरों की गलतियों से सीख लेना ही होगा । (यदि हम

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अरिहंत / छिन्न-भिन्न

श्री षटखंड़ागम में “अरिहंत” लिखा है – यानि बैरी(कर्म) को क्षय करने वाले । “छिन्न-भिन्न” भी कर्म आदि के क्षय के लिए प्रयोग हुआ है

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मंगल आशीष

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May 16, 2020