Month: June 2020
आत्मप्रदेश
किसी अंग के कटने पर आत्मप्रदेश संकुचित और अंग जोड़ने पर फैल जाते हैं । केवलज्ञान के पहले उपसर्ग में अंग काटने पर मोक्ष में
अनेकांत
अनेकांत अनेक दृष्टिकोंण नहीं, अनिर्णयात्मक भी नहीं, बल्कि समग्र (पूर्ण) दृष्टि ।
तीर्थंकर-प्रकृति
यह पाप को निर्जरित करती है* । यह भी औदायिक-कर्म है, पर मांगलिक है । जबकि बाकि सब औदायिक-कर्म अमांगलिक होते हैं । आचार्य श्री
अंतरजातीय विवाह
खून चढ़ाने से पहले ग्रुप मिलाया जाता है तभी जीवन की रक्षा होती है । अंतरजातीय विवाह में भी यदि संस्कार/संस्कृति मिलाली जांय तभी संस्कार/संस्कृति
पूज्यता
गर्भादि कल्याणकों का अर्घ चढ़ाते हैं, मुनि भी भाव पूजा करते हैं, पर तीर्थंकरों के 8 वर्ष बाद अणुव्रती होने पर भी उनकी पूजा नहीं
धार्मिक क्रियायें / पापोदय
क्या धार्मिक क्रियायें करने से पापोदय शांत होता है ? धार्मिक क्रियायें करने से पुण्य मिलता है, पुण्य अर्जन से पापोदय शांत होता है ।
भगवान के विहार में कमलों की रचना
भगवान के विहार में चरणों के नीचे 225 कमलों की रचना का Pattern | मुनि श्री प्रणम्य सागर जी के प्रवचन पर आधारित (Decoration by
शरीर
शरीर स्वर्णयुक्त पाषाण है, मूल्यवान है । तपा लिया तो शुद्ध स्वर्ण निखर आता है, बहुमूल्य की प्राप्ति हो जाती है । निमित्त ना मिलने/पुरुषार्थ
सौधर्म-इंद्र
भगवान के सारे काम सौधर्म-इन्द्र क्यों करते हैं, जबकि उनसे बड़े बड़े इन्द्र ऊपर के स्वर्गों में होते हैं ? क्योंकि सौधर्म-इन्द्र मांगलिक पद है,
भगवान और भाग्य
भगवान और भाग्य का हमारे जीवन में Role कब आता है ? जब हमारा Role समाप्त हो जाता है, तब उनका Role शुरू होता है
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