Month: June 2021

विषय/कषाय

विषय बाहरी, कषाय अंतरंग । इनके प्रति प्रतिबद्ध हैं, इसीलिये संसार से प्रतिबद्ध हैं । विषय से कषाय और कषाय से विषय होते हैं ।

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संयम

किसी भी कार्य सिद्धि के लिये अनुकूल वातावरण बहुत महत्वपूर्ण होता है । और उस वातावरण को बनाये रखने के लिये संयम आवश्यक है ।

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अचेतन

संगीतादि को सीखना चेतन मन/दिमाग से होता है । अभ्यास हो जाने पर अचेतन मन सक्रिय हो जाता है, तभी सुन्दर सुन्दर स्वर-लहरी निकलती है,

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आचरण

पंचम काल के “अंतिम-धर्मात्मा” तीन साल साढ़े आठ माह पहले (पंचमकाल के अंत से) समाप्त हो जायेंगे । उत्तर पुराण 558 प्रश्न  : अंतिम धर्मात्मा

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Men / Women

“M” और “W” एक दूसरे से उल्टे होते हुये भी एक दूसरे के पूरक हैं । “M” और “W” में तीन दिशाओं में तो Boundaries

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आर्त/रौद्र ध्यान

घर का कोई कार्य/ आयोजन आपकी इच्छानुसार न हो, तो दु:ख होता है। यदि इच्छानुसार हो, तो फूले नहीं समाते हैं। पहली स्थिति में यही

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मातृभाषा

संस्कार मातृभाषा में क्यों ? माँ से जो सीखा, उस भाषा को हेय दृष्टि से देखने लगे, तो माँ को भी उसी दृष्टि से देखने

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वैयावृत्ति

वैयावृत्ति से – 1. समाधि की प्राप्ति 2. प्रसन्नता, सो अंतरंग तप हुआ 3. निर्विचिकित्सा 4. प्रभावना/प्रवचन वात्सल्य आचार्य श्री विद्यासागर जी – साधर्मी =

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गुरु / समुद्र

गुरु और समुद्र दोनों ही गहरे हैं, पर दोनों की गहराई में एक फ़र्क है…. समुद्र की गहराई में इंसान डूब जाता है, और गुरु

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मंगल आशीष

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June 25, 2021