Month: July 2021
देव-दर्शन
मूर्ति के दर्शन को प्रत्यक्ष कहेंगे या परोक्ष ? वैसे तो देव-दर्शन मति/श्रुत ज्ञान का विषय है, इसलिये परोक्ष हुआ । लेकिन यदि मूर्ति में
समता
चुप रहना समता नहीं, प्रभावित न होना समता है । मुनि श्री प्रमाणसागर जी
स्व-भाव/स्वभाव
स्व-भाव स्वभाव नहीं, स्व-भाव औदायिक भी, पाप/कषाय रूप भी हो सकता है, पर स्वभाव नहीं । मुनि श्री सुधासागर जी
मूर्ति / भगवान
जिसकी मूर्ति, जरूरी नहीं भगवान भी उसके हों, जिसकी मूर्ति नहीं, हो सकता है भगवान उसके हों । मुनि श्री सुधासागर जी
बुद्धि/अबुद्धि पूर्वक
अबुद्धि पूर्वक अप्रमत्त क्रियायें हो सकती हैं पर प्रमत्त, बुद्धि पूर्वक ही । सम्यग्दर्शन जाग्रत अवस्था में ही, बुद्धि पूर्वक ही । मोक्षमार्ग पर चलना
क्षमता
चारों पेड़ों के बीज, भूमि, खाद, पानी समान पर Growth असमान, अपनी-अपनी क्षमतानुसार ।
दान-तीर्थ
दान-तीर्थ बनने (राजा श्रेयांस के द्वारा) के बाद धर्म-तीर्थ की स्थापना हुई । जिस दिन दान-तीर्थ समाप्त हो जायेगा (पंचम-काल के अंत में), उसी दिन
Mathematics
Mathematics may not teach us how to add happiness… and how to minus sadness. But It does teach one important thing…, Every problem has a
कर्म-बंध
कर्म-बंध से बचने के दो उपाय – 1. समता-भाव – मुझमें और छुद्र जीव (कोरोनादि) में क्या फ़र्क ! 2. भेद-विज्ञान – मैं तो जीव
चित्र
चित्र के साथ जब “वित्त”* जुड़ जाता है तब वह चित्र, विचित्र बन जाता है । आचार्य श्री विद्यासागर जी * जब चित्र(कला) से पैसा
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