Month: August 2021

प्रासुक जल

छने जल को सुबह उबालकर 24 घंटे लेने योग्य तो हो जाता है लेकिन व्रती हर बार प्रयोग में लेने से पहले थोड़ा गरम करके

Read More »

दिगम्बरत्व

जब आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज से एक लंगोटी पहनने के लिये कहा तो उन्होंने दुर्योधन का हवाला देते हुऐ बताया – उसने अपनी माँ

Read More »

अग्निकायिक जीव

पंचम-काल के अंत में अग्नि समाप्त हो जायेगी, तब बादर अग्निकायिक जीव किसके आश्रित रहेंगे? 2 पत्थरों को रगड़ते हैं तब अग्नि की चिनगारियां निकलतीं

Read More »

श्रमण / श्रावक

श्रमण भोगों को निष्परिग्रह-भाव से ग्रहण करते हैं, श्रावक परिग्रह-भाव से, श्रमण को बढ़िया आहार भी रसना इंद्रिय को नियंत्रण करने का अभ्यास कराता है,

Read More »

धारणा / पारणा

धारणा = धारण करना, व्रतादि को, प्रवेश कराना चक्रव्यूह में। पारणा = पूरा करना, व्रतादि को निकालना चक्रव्यूह से। धारणा से पारणा ज्यादा महत्त्वपूर्ण होती

Read More »

शांति

मलाई कहाँ ? अशांत दूध में, ना । प्रशांत बनो । आचार्य श्री विद्यासागर जी

Read More »

दीक्षा और आहार

दीक्षा लेते समय उपवास (आहार त्याग का संकल्प)… सामान्य मुनि उस दिन, महावीर भगवान 2 दिन, आदिनाथ भगवान 6 माह तक। फिर आहार क्यों लिया

Read More »

मानना

रावण लंका में सुरक्षित था, राम से ज्यादा बलशाली सेना फिर भी राम क्यों जीते ? क्योंकि रावण किसी की मानता नहीं था, अपने दादा/नाना

Read More »

संयम

वृतियों को अवृतियों से नहीं पढ़ना चाहिये वरना वृतियों में संयम के प्रति रुचि कम होने लगती है। (पं पन्नालाल जी को षटखंडागम कंठस्थ था,

Read More »

सदुपयोग

ट्रकों के पीछे लिखा रहता है – “फिर मिलेंगे” । ( फिर मिल कर क्या कर लोगे! ) जो जीवन/ धर्म/ गुरु मिले उसका सदुपयोग

Read More »

मंगल आशीष

Archives

Archives
Recent Comments

August 31, 2021