Month: August 2021
निर्जरा
निर्जरा = कर्मों का झड़ना । एक मजदूर आठ घंटे काम करता है और कमाता है 50 रुपये, जबकि एक Consultant दो घंटे काम करके
अंतरंग की सफाई
बाहर का कचरा ( अपशब्द/ Criticism ) झेलने की आदत डाल लो, अंदर का कचरा अपने आप साफ होने लगेगा । चिंतन
श्रमण की आहार वृत्तियां
1) गोचरी वृत्ति – दाता के वैभव/सुंदरता को बिना देखे आहार करना। 2) अग्निशामक वृत्ति – पानी मीठा हो या खारा, उद्देश्य है – उदराग्नि
परनिंदा
छलनी ने सुई से कहा कि तेरे मुँह में छेद है । सुई – अपनी ओर तो देख ले, तेरे तो पूरे शरीर में छेद
अक्लमंद
जो अकल की बात को अकल में बैठा ले, वह अक्लमंद। बुद्धू को अकल की बात बताओ तो उल्टा पड़ जाता है। तुम क्यों बता
वैराग्य
क्या आदिनाथ भगवान को नृत्य देखकर वैराग्य हुआ था ? नहीं, वैराग्य कभी राग की क्रियायों को देखकर नहीं होता है । उन्हें तो नीलांजना
साधना/आराधना
मोक्षमार्ग दो ही हैं । 1. साधना 2. आराधना जब तक साधना नहीं कर पा रहे हो, तब तक आराधना तो करो । आचार्य श्री
गुण प्राप्ति
बंदे तद् गुण लब्धये । पत्थर, पेड़, डाकू, साधु, रागी या वीतरागी, जिसे भी ध्याओगे/ पूजोगे, उसी के जैसे गुण आयेंगे, अंत में वही बनोगे
बुद्धि
3 प्रकार की बुद्धि— 1) सात्विक – करनी/अकरनी, पाप/पुण्य का भेद करे। 2) तामसिक – अधर्म को धर्म, अकर्त्तव्य को कर्त्तव्य माने। 3) राजसिक –
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